रविवार, 10 दिसंबर 2017

"कुत्ता घर का "

पहले भोजन सदा घर में खाते वह अब रेस्टोरेंट में जाते /
घर की रखवाली करने को, लोग कुत्ते पालते |
द्वार पाल पहले होते अब, द्वार  कुत्ते भौकते /
कभी घर के बाहर कुत्ते रखे जाते ,अब घर डाग खेल रचाते |
मनुज बच्चा पैदा कर पाए या नहीं ,कुत्ता बच्चा  पैदा करते /
घर की रखवाली करने के लिये,लीग बढियां कुत्ता है लाते |
राजा दशरथ की वीवियाँ थीं तीन ,आज वीवी है एक कुत्ते हैं तीन /
कुत्तों को लोग इंजक्सन लगवाते ,वीवी को राम भरोसे छोड़ जाते |
सुग्रीव वीवी के वास्ते राम से हाथ मिलाके ,बालि से लड़ने जाते /
नौकरी के लिए वीवी बाहर जाती जाये ,सौहर रंगरेलियां मनाते ?
पहले भोजन सदा घर में खाते वह अब रेस्टोरेंट में जाते /
पहले घर में खाना वीवी बनाती और नाचने वाली बाहर से आती |
घर की वीवियाँ आज नाचती ,खाना बाहर से मंगाती ?
वीवियों पर आदमी की सोच ,कितनी बदल गई आज |
शादी से पहले कहते कब मिलने हमसे तुम आओगी /
शादी के बाद कहते हैं जान कब माइके तू जाओगी ||




वक्त बोला

वक्त ने कहा मैं फिर आऊँगा/
कभी रुलाउंगा और पुन : हंसौंगा ?
दोस्ती सबसे मिल-जुल निभाउंगा /
अच्छे -अच्छे दोस्तों में दरार फैलाउंगा |
बुद्धिमत्ता से पारिवारिक दोस्ती निभाउगा /
चारित्रिक शुद्धता में शिष्टता दिखाउगा |
विश्वास और आदर का भाव जगाउंगा /
स्वास्थ्य सरल सुगम सुन्दर बनाउंगा ||

मंगलवार, 14 नवंबर 2017

"सूरज उगायेंगे "

" सूरज उगायेंगे "

बचपन को  याद करके -
अपनी मंजिल बना लेंगे |

अनमोल यादें साझाकर -
अन्धेरा मिटा देंगे |

वही ! बही जहरीली हवा -
कवायत डिगा देंगे ?

भ्रष्टाचारी मुक्त देश-
बनाकर दिखला देंगे |

कोशिशों में अपना राष्ट्र -
सूरज खुद उगा लेंगे ||

सुखमंगल गान

सुखमंगल गान 

एक दिन आप 
इतने बड़े कवि बन जायेंगे 
कि लोग - बाग़ आपको 
छू भी नहीं पायेंगे 
आपके सभी आलोचक 
हवा हो जायेंगे 
सुखमंगल गान मिलकर सब गायेंगे 
वे दिन जल्दी आयेंगे |
           हस्ताक्षर-चपाचाप बनारसी 
                  १२/११/२०१७ 
        दिन १ बजकर ६ मिनट 
         (अजीत श्रीवास्तव )
काली महल वाराणसी ,उत्तर प्रदेश ,भारत |

शनिवार, 7 अक्तूबर 2017

"करवा चौथ "


"करवा चौथ "

भूखे रहकर निर्जला स्त्रियाँ रखतीं है ब्रत,
भारत को देख इसी लिये सब रहते हतप्रध |
वी. डी. ओ. कालिंग से तोड़ते अपना ब्रत,
प्रियतम को पाकर प्यारी भी हो गई हकवत |
निराजल ब्रत रहकर भूखे दिन बिताये शक्त,
कृपा प्रभु हो गोल्ड मेडल ले आये भक्त |
भारत यूं ही नहीं संस्कृति पर भरता है दंभ,
सभ्यता-संस्कृति- संस्कार उसका है अवलम्ब |
परम्परा और प्यार का प्रतीक करवा चौथ,
देश -परदेश मन बहलने लगा करवा चौथ |
गुनगुना रहा है गीत- संगीत रात का चाँद,
चुडिया- कंगना सजने लगी है करवा चौथ |
बीती रात को ही प्यार समझाने लगा चाँद,
सुहाग सुहावन सुखद दीप जलाने लगा चाँद |
चांदनी रात में प्रेमी-पिया मिलाने लगा चाँद,
भूखे -प्यासे को 'मंगल' प्यार लुटाने लगा चाँद ||