रविवार, 10 दिसंबर 2017

वक्त बोला

वक्त ने कहा मैं फिर आऊँगा/
कभी रुलाउंगा और पुन : हंसौंगा ?
दोस्ती सबसे मिल-जुल निभाउंगा /
अच्छे -अच्छे दोस्तों में दरार फैलाउंगा |
बुद्धिमत्ता से पारिवारिक दोस्ती निभाउगा /
चारित्रिक शुद्धता में शिष्टता दिखाउगा |
विश्वास और आदर का भाव जगाउंगा /
स्वास्थ्य सरल सुगम सुन्दर बनाउंगा ||

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