रविवार, 13 सितंबर 2020

राष्ट्रभाषा के राष्ट्रीय हिन्दी साहित्य

Hindi literature, hindi site, news, poems, हिन्दी साहित्य: " राष्ट्र भाषा के रास्ते पर हिंदी"स्वतंत्रता के बाद से ही हिंदी पर सरकार.....

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शुक्रवार, 28 अगस्त 2020

बुधवार, 19 अगस्त 2020

मंगलवार, 18 अगस्त 2020

''पिता- पुत्र

''पिता- पुत्र: ''पिता- पुत्र" (कथा )-सुखमंगल सिंह   समाज में प्रचलन में है कि अंत  समय.....

शनिवार, 15 अगस्त 2020

शुक्रवार, 14 अगस्त 2020

बुधवार, 12 अगस्त 2020

बुधवार, 29 जुलाई 2020

वेद रचना

वेद रचना: संस्कृति सभ्यता की यात्रा में उपहास उड़ाया जाताआतंकवाद नक्सलवाद औ उग्रवाद.....

मंगलवार, 28 जुलाई 2020

इतिहास के आईने में काशी

इतिहास के आईने में काशी: इतिहास के आईने में काशीमणिकर्णिका का घाट वाराणसी (काशी) का प्राचीन घाट है।.....

इतिहास के आईने में काशी

इतिहास के आईने में काशी: इतिहास के आईने में काशीमणिकर्णिका का घाट वाराणसी (काशी) का प्राचीन घाट है।.....

आध्यात्मिक पथिक - पथ

आध्यात्मिक पथिक - पथ: आध्यात्मिक पथिक - पथ ·         व्याकुलता से ही ईश्वर का साक्षात्कार.....

गुरुवार, 16 जुलाई 2020

  "विष्णु की प्यारी काशी" दक्षिण से उत्तर  प्रवाहित होती गंगा , भोले.....
  "विष्णु की प्यारी काशी" दक्षिण से उत्तर  प्रवाहित होती गंगा , भोले.....

गुरुवार, 9 जुलाई 2020

"गोविन्द पूजन "

 "गोविन्द पूजन "
गोविन्द की पूजा लोग विविधि  तरह  से करते हैं | पूजन करना मनुष्य को आवश्यक है | इस लोक पर भाई - बंधु , माता- पिता ,पति -पत्नी सभी अनित्य हैं | पुत्र -आदरणीय भी | जन्मोंपरान्त खड़ी रहती है मृत्यु  जन्म से ही ! छूट जाएगा यह लौकिक जगत के सारे धन -दौलत ,इसे भली भाँति  सोच विचार कर लेना आवश्यक है | जीवन अनमोल है जीवन में भी मानव जीवन कठिन तपस्या का फल है | वृहद सोच विचार कर 'धर्म 'का संचय करें | 
हमें चिंतन करते रहना चाहिए उठते -बैठते , चलते -फिरते ,प्रति क्षण प्रभु गोविन्द का | भगवत्भक्ति सभी को आसानी से सुलभ नहीं होती | भगवत्भक्ति सभी को मुक्ति देने वाली होती | 
कलिकाल में सत्संग ,तुलसी सेवा , भगवान् विष्णु की भक्ति सभी दुर्लभ है और यही संसार में सार है | रसायन है भगवान् गोविन्द का भजन | जो भक्त निष्काम भाव से भगवान्  गोविन्द की पूजा करता है वह अपने इक्कीस पीढ़ियों के साथ वैकुण्ठ धाम जाता है | वैकुण्ठ जाने की लालसा सभी मनुष्य की होती है परन्तु इस धाम में जाने के लिए प्रयत्न ,यत्न की आवश्यकता होती है | परमात्मा जब चाहता है तब सबकुछ दे देता है और जब चाहता है उसे समेट  लेता है|  परन्तु यह सब अदृश्य रहता है जैसे  कच्छप जिस प्रकार जब चाहता है पैर फैलाता है और जब चाहता है बटोर लेता है |
     कलियुग में गोविन्द पूजन और उन्हें प्राप्त करना आसान है | गोविन्द गोविन्द  भजने से मनुष्य कलिकाल  में भवसागर से पार हो जाता है  |
 - "कलिकाल का तारण"
गोविंद नाम का मनन, भजन, चिंतन ! 
गोविंद नाम की महिमा ने गुजरात में नरसी मेहता के सम्पूर्ण कार्य बगैर किसी उद्योग के सिद्ध करा दिये | 
भगवान मधुसूदन का निवास शालिग्राम शीला में रहता है | जहां शालिग्राम का पूजन होता है वहाँ भूत,प्रेत आदि गृह से लोग वंचित रहते हैं और भूत प्रेत गृह आदि निष्प्रभावी हो जाते है | 
  शालिग्राम शीला का पूजन करने वाले भक्त के चरण रज जहा पड़ते हैं उस घर को पवित्र कर देते हैं | भगवान विष्णु के गोविंद नाम की महिमा अपार है | गोविंद की परिक्रमा चार बार करना फलदायी होती है | पुस्तकों में पुराण ,न्याय ,मीमांसा धर्म शास्त्र तथा छ: अंगों सहित वेद नारायण के स्वरूप हैं |
भक्त्या कुर्वंन्ति ये वैष्णो: प्रदक्षिणचतुष्टयम |
तेsपि यान्ति परं स्थानं सर्वकर्म निवर्हणम || (ना।पु ३९-७१)
गोविन्द के अनेक नाम हैं यथा - बांके विहारी ,गोवर्धनधारी ,वृन्दावन विहारी ,कान्हां , कृष्णा ,कन्हैया , माखन चोर ,नंदकिशोर आदि नामों में ठाकुर जी को जो नाम सर्वाधिक प्रिय है वह नाम है 'गोविन्द '| 
भगवत्नाम के प्रभाव से जल में डूबते हुए गजराज को समस्त शोक से छुटकारा मिल गया | भरी सभा में द्रोपदी का वस्त्र बढ़ता ही गया | 
भगवत नाम में समस्त शक्तियां निहित हैं | इसी लिए गोविन्द नाम का उच्चारण समस्त दुःखों का विनाशक है | भगवान् विष्णु के तीन हजार पवित्र नाम हैं (विष्णुसहस्त्रनाम ) जप से एक बार में ही पूर्ण फल मिल जाता है | 
कीर्तन का कलिकाल में पाप का नाश करने के लिए विशेष महत्व है | कीर्तन में हरी की महिमा का गुणगान होता है | हिन्दू शास्त्रों में कीर्तन के महिमा को कलयुग में भारी महिमा का वर्णन किया  गया है | गिरधर गोविंद का नाम कीर्तन प्रति पल करना सर्वोत्म है| 
नारायण की पूजा करने वालों की सदा -सर्वदा ब्रह्मा आदि देवता भजन पूजन करते रहते हैं | यथा -
अनु पदेनं मदन्ति विश्व ऊमा :| (५-२-१ अथर्व वेद ..  )
अर्थात उस ईश्वर को पाकर सारे देवता आनन्दित होते हैं | 
गरुण वाहन युक्त भगवान् नारायण का निरंतर पूजन परम कल्याण की प्राप्ति देने वाला है | 
भगवान् का मंगलकारी नाम दुःखियों के दुःख का नाश करने वाला होता,रोगियों के रोग हरने वाला और पापियों के पाप का नाश करने वाला  है | 
अथर्ववेद में कहा गया है | यथा -
तन्नोन्नशद् य : पितरं न वेद | (९-९-२१ अथर्व वेद ..  ) 
अर्थात जो पिता रुपी ईश को नहीं जानता ,उसे ब्रह्मानंद की प्राप्ति नहीं होती है | 
दार्शनिक भी यह मानते हैं - सृष्टिकर्ता जिसे ईश्वर कहता हूँ नहीं होता तो न लिखने के लिए मैं होता ,और यहां न पढ़ने के लिए आप होते | जैसे पुस्तक लेखक का ,कविता -कवि का प्रमाण है | ( सिद्धांत यू इंक लेखक अमेरिका /हसेज )| 
भारत वर्ष भर कर्म भूमि है ,यहाँ आने के लिए देवता लोग भी लालायित रहते हैं |
अतः कर्मभूमि पर एक भी पराल्प क्षण व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए | भगवान विष्णु जो अनंत अविनाशी हैं ,उन्हीं के चिंतन मनन भजन में लगे रहना चाहिए |सुधर्म संवाद )| 
       जितना पूण्य गोविंद नाम से होता है उतना करोणों गायों के दान से ,गंगा स्नान से अथवा अन्य किसी उपाय से भी नहीं मिलता है | -
 गोविंद गोविंद गाते चलो
प्रभु से नाता मिलाते चलो |
-सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी  

सी. ए. ए. अपनाना होगा,

सी. ए. ए. अपनाना होगा,
भारतीय संस्कार निभाना।
कोलाहल  को दूर भगाना
जन मानस को भी जगाना,

धरना प्रदर्शन किया है जिसने,
बेटे की मौत हुई थी  जिससे!
उस पर केस दर्ज कराना होगा
कानून का पालन किया जाना।

मासूम की मौत का जिम्मेदार,
उसको न्याय  का चखाना होगा।
भारतीय संस्कार निभाना
सी. ए. ए. अपनाना होगा |
- सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी 

शनिवार, 30 मई 2020

कोरोना वायरस 2019 -1

कोरोना वायरस 2019 -1: कोरोना वायरस 2019 -1खौफ का वायरस देश की नहीं सम्पूर्ण विश्व को अपने आगोश में.....

सोमवार, 4 मई 2020

सोशल साइट पर सुखमंगल सिंह (डायरी )जुलाई -अगस्त १९

सोशल साइट पर सुखमंगल सिंह (डायरी )
डायरी का जीवन में विशेष महत्व होता है | प्रत्येक व्यक्ति को प्रति दिन किये गए अच्छे बुरे कार्यों को 
जीवन को सुखमय समाजोपयोगी बनाने के लिए डायरी में कलम बद्ध करते रहना चाहिए और उस कलम 
बद्ध किये गए कार्यों की स्वयं समीक्षा शाम को खाली होने पर करते रहना चाहिए | किसी कारण से दिनभर 
के कार्य में कुछ गलती हो गयी हो तो उसे सुधार करने की हर सम्भव प्रयास करते रहना चाहिए | 
अगस्त ४,२०१९ से अपनी डायरी प्रस्तुत करने का यत्न कर रहा हूँ - 
एक मंच ,पी एम नरेंद्र मोदी २-० चेंन्जिंग फेसबुक (मोदी जी और बदलता भारत में एक समीक्षा -'लोक प्रिय 
सुखमंगल सिंह जी राष्ट्रीय -अंतर्राष्ट्रीय फलक पर दहाड़ने वाले सही अर्थों में सिंह हैं 'जो ६/१०/१९ को स्वीकृत 
हुई | पांच तारीख को घर पर साहित्यिक कार्य के बाद सायं ४-८ बजे तक साहित्यिक चर्चा काली महल वाराणसी 
में | अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी संस्थान (यूरोप),स्वर्गविभा ,मोदी जी और बदलता भारत में "हे माँ सरयू तुम्हें प्रणाम "
६/१०/१९ को मेरी रचना प्रकाशित हुई | नवमी व् दशहरा रात्रि २:५० , अगस्त ७,१९ को राम हमारे राम तुम्हारे 
स्वर्गविभा में ,अयोध्या की याद आती है -शब्द नगरी में व अनहद कृति में सुपाथेय षट दर्शन (चतुर्थ खण्ड )
के रचयिता सुकवि सुखमंगल सिंह जिसकी समीक्षा सुरेंद्र वाजपेयी जी ने किया है उसे विधिवत पढ़ा| अगले 
दिन वेवली काम की समीक्षाओं का अध्ययन किया | अगस्त १० ,हे माँ सरयू तम्हें प्रणाम वाट्स ,अनहदकृति
फेसबुक ,व् मेरा देवता मगन  है मेरी कल्पना के पहले ,बेइलिया तरवां ना (पचरा ) नवगीत की अपनी कहानी 
और यूं ट्यूव शीतला पर टिप्पड़ी में पोष्ट किया | हिन्दी कविता काँम में- राम ही राम, हममें,तुममें सबमें  राम 
अनहद कृति में अयोध्या दरवार और पुनः कवि हूँ मैं सरयू तट का ,१-४७ पृष्ठ प्रिंट किया | 
शनिवार १२अक्टूबर १९ सरयू राम प्रिया कहलाती ,कोलाहल से दूर में प्रकाशित ,राम ही राम ,राम ही राम /
हममें तुममें ,सबमें राम ,नवभारत टाइम्स ऐप में ,साहित्य दर्शन में हे माँ सरयू तम्हें प्रणाम ,जनवार्ता -
फेसबुक में अयोध्या की याद आती है ,और मर्यादा नामक रचना स्वर्गविभा में प्रकाशित १२/१०/१९ को मिली !
अक्टूबर१४ 'विश्व हिन्दी रचनाकार मंच 'हिन्दी के कवि एवं कवियित्रियों व् हिंदी कविता में "वर्णिक छंद " 
भावार्थ सहित ९:५१ से १०:०८ पूर्वाह्न तक प्रकाशित किया | क्रीङा ललित ललाम की रचना फेसबुक पर १६/१० 
और वाट्स पर १७ -१०-१९ ,|  
दशरथ पूरी अयोध्या का ,
जो  कलयुग में ध्यान करता, 
उसे श्री जगन्नाथ दर्शन ,
मथुरा ,कल्पवास सा फल मिलता |  
अयोध्या ,ब्रहसृष्टि राजधानी ,रचना हिन्दीकुंज कांम में क्षमा मांगने जाओ अयोध्या व् राम हमारे राम तुम्हारे 
एक मंच में फेसबुक पर श्री सभाजीत शुक्ल व् अजीत श्रीवास्तव द्वारा मेरी रचनाओं पर समीक्षा , काव्य स्पंदन 
( चित्र गुप्त प्रकाशन ,नै दिल्ली में अजीत श्रीवास्तव और सभाजीत शुक्ल द्वारा समीक्षा | जय दुर्वासा धाम 
आजमगढ़ में - परम सिद्ध संत दर्शन और काव्यार्पण यात्रा वृत्तांत अ -२ ,अ -३,अ -४ अक्टूबर १९ तक प्रकाशित !
व्यायाम रचना अनहदकृति में ,भगवदाराधना में सरस्वती वंदना ,वीररस की अद्भुत कविताएं में मेरी रचना -
मेरी चाह नहीं और तू सुन्दर हो जा ,स्वर्गविभा में २३ अक्टूबर १९ ,
जब सच लैब पर आने लगता है तब ,
मनुज प्रभु से दिल लगाने लगता है |
अंतराष्ट्रीय हिंदी संस्थान (कनाडा ) में प्रकाशित हुई | इसी प्रकार चेक किया क्रीड़ा ललित ललाम की ,सुन्दर हो जा 
 व अयोध्या  -अप्रत्यासित संग्राम स्वर्ग विभा ने अक्टूबर २५/१९ वहीँ गौतम गंभीर जी के फेसबुक पर मेरे मन जपना 
चाह नहीं रचना हिंदी कुञ्ज में एक नारी हूँ अम्र उजाला एप में अक्टूबर ३१ तक | 
स्वर्ग विभा में कवि सुखमंगल सिंह मन की तरंग में कलम उठाने वाले साधू स्वभाव के रचना कार -डॉ जितेंद्र नाथ 
मिश्र, द्वारा समीक्षा ,व् बचना चाहिए,रचना  नवम्बर  १ , सावन में मेरी रचना जिसे भी देखा दौड़ता मिला ३/१९ | 
सरयू संस्कृति सँवारत बानी - हिंदी कविता ,कोलाहल से दूर में प्रकाशित ,'कवि का सरयू से गुजरना '-सुरेंद्र वाजपेयी 
द्वारा समीक्षा कवि हूँ मैं सरयू तट का प्रकाशित सावन में | स्वर्ग विभा में - कवि सुखमंगल सिंह जी आज के तुलसी 
सदृश्य हैं -सभाजीत शुक्ल सहायक मंत्री ना ० प्रचारिणी सभा वाराणसी द्वारा | 
किसान की आजादी रचना पोष्ट किया - खुशहाल होगा अन्नदाता (इण्डिया न्यूज )  और हिंदी कविता में प्रकाशित | 
नवम्बर८,देवोत्थान एकादशी रचना प्रकाशित हुई श्री माथुर चतुष्पद परिषद मथुरा ,हिंदी कविता संग्रह और हिंदी 
कुञ्ज में | १३ नवम्बर को देश प्रेमी राजपूत फेसबुक और अन्य साइटों पर ,प्रकृति प्रेमी रचना अम्र उजाला एप पर ,
रच डालो 'मंगल' कीर्तिमान एक मंच पर तथा हिंदी कुञ्ज काम में भेजा | १४नव ० प्रभु पखार दो ,अमर उजाल काव्य 
में , जहां में महान रचना प्रतिलिपि काम में , मेरे मन जपना ,पांच लिंकों में प्रकाशित हुई | करुणा निधान ,स्वर्ग विभा 
व् अम्र उजाला में ,मोर मचाये शोर ,सावन में प्रकाशित लाल रचना नरेंद्र मोदी जी की फोटो शेयर के साथ ट्यूट पर 
प्रकाशित हुई | 
नवम्बर १५,२०१९ तक के लेखा प्रस्तुत किया  प्रकाशित करने की आशा में !  
 सुखमंगल सिंह 

रविवार, 22 मार्च 2020

पी॰एम॰ के निवेदन का करें स्वागत

पी॰एम॰ के निवेदन का करें स्वागत:  "पी॰एम॰मोदी के निवेदन का करें  स्वागत "---------------------------------------------पी॰एम॰मोदी.....

सुखमंगल सिंह का कोराना वायरस पर रचना
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"पी॰एम॰मोदी के निवेदन का करें स्वागत "
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पी॰एम॰मोदी के निवेदन का करें अक्षरसः लोग स्वागत ,
भीषण विभीषिका का हो न जाये कहीं अपने देश आगत !
उन्होने बताया योग से स्वास्थ्य और निरोग होगी काया ,
माया के चक्कर में टक्कर लेते रहे दूषित हो गयी छाया |
जब कोरोना वायरस से पूरा विश्व ही घिरा हुआ घबराया ,
तब एक स्वर में भारतीय जनता कर्फ्यू अस्तित्व में आया |
इस महामारी में साफ- सफाई का रखना है सभी को ध्यान,
समारोहों से बचने- बचाने का बढ़ाना होगा अपने में ज्ञान |
संक्रमण रोकने में अमेरिका जैसा विकसित देश हलकान,
बड़ी आवादी वाला देश भारत इससे कैसे बचा पाएगा जान |
चीन में संक्रमण के बाद इटली में फैला उसका ताम झाम,
ब्रिटेन ने यात्रियों को भेजकर यहाँ भी मचवा दिया कोहराम |
सेनेटाइज़ से लोगों को साफ रखना चाहिए नगर और गाँव,
आपके कदम से भारत देश का सारे जहान में लहरेगा नाम |
*
लो लाया कोरोना आफत कौवों का भी बक्सा नहीं उसने प्रान ,
विश्व भर में इन्सानों को अपने घर में कैद करायाइसे लो मान |
पहले से ही पी एम जब दिलाते रहे लोगों को सफाई का घ्यान ,
अपने आस-पास साफ सफाई कराते रहो इससे होगा कल्यान |
अब दम तोड़ रहे भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर का रखिए ध्यान,
जल बचाने का भी उनका हो चुका है पहले से ही देश में ऐलान |
बिना जल के जीवन के अस्तित्व का आगे खतरा खड़ा बलवान,
पहले फिटकरी का एक टुकड़ा हमेशा रखिए अपने अपने साथ |
कोरोना वायरस के विषाणुओं का इससे भी होगा सम्पूर्ण नाश,
भारतीय फिटकरी सेनीटाइजर का ही करती रहती सदा से काम |
इसको पानी मिलाकर घोल से धोवे अपना शरीर -हाथ और पाँव,
निवेदन है आप सभी से 'मंगल' का रहें अपने बने - बनाए ठाँव |
-सुखमंगल सिंह ,अवध निवासी

बुधवार, 18 मार्च 2020

अहिंसा सत्य और करुणा के देश में

अहिंसा सत्य और करुणा के देश में: १-अहिंसा सत्य और करुणा के देश में ,जन्मे गांधी ,सुभाष ,विवेकानंद भेष में |२-.....

जब कभी भी आपको अभिमान हो !

जब कभी भी आपको अभिमान हो !: १- जब कभी भी आपको अभिमान हो !उस समय आपका रुख श्मशान हो |२- पंडित और पुरोहित.....

राम का नगर बचाने की सोचिये

राम का नगर बचाने की सोचिये: शास्र घर अपना है /बचाने की सोचये |खिसके न कोई ईट/जमानें की सोचिये |मंदिर तो इसे.....

गुरुवार, 16 जनवरी 2020

राम हमारे राम तुम्हारे

 “अयोध्या –आक्रमण”
---------------------------
अनेक आक्रमण - आपत्तियों से 
रामजन्म मंदिर बचा रहा 
मंदिर तोड़ ,मस्जिद बनाने को 
जलालशाह ने कजल अब्बास से कहा 
             
 जड़ जमाने को भारत में सलाम की 
जय हो सदा श्रीराम की 
              *
बाबर और राणा सांगा में 
युद्ध हुआ था घमासान 
भागा बाबर आया अयोध्या 
जलालशाह को रक्षक मान 

विश्वास से कि होगी रक्षा,बाबर के सम्मान की 
जय हो  सदा श्रीराम की 

  दुआयें लेकर बाबर फिर से 
फतेहपुर सीकरी जा पहुंचा 
राणा सांगा को करके पराजित 
जलालशाह से मिलने आ पहुंचा 

मंदिर को मस्जिद बनाने की ,जलाल - बाबर से मांग की 
  जय हो  सदा श्रीराम की
सन 1675 में था मन्दिर शेष भगवान 
औरंगजेब ने गिरवारख दिया शीश पैगंबर मस्जिद नाम 

झेला अयोध्या ने इसके पहले जिन -जिन के आक्रमण जान 
आक्रमणकारी हूण,बौद्ध ,शक,और मुसलमान 
मन्दिर तोड़ने - मोड़ने की शुरू हुई मीरवांकी की तैयारी 
सबसे पहले उसने मारे गये,वहाँ के चार पुजारी  
बाबा श्यामानंद - शिष्यों ने की एसी गद्दारी 
आ गई तभी से अयोध्या पर ,जैसे आफत भारी 
कई तोपों से विशाल राम मन्दिर तोड़ा गया 
हिन्दू महात्माओं की सलाह से  दीवरों को जोड़ा गया 

एक लाख चौहत्तर हजार लाशें हिंदुओं की गिरीं 
मीरवांकी सफल हो गया ,मन्दिर हिंदूतत्व की किरकिरी 
राम-मन्दिर तोड़ मस्जिद बनाने का  मीरवांकी को सौपके काम 
दिल्ली चला गया बाबर ,यहाँ शुरू हुआ अप्रत्यासित संग्राम



राम हमारे राम तुम्हारे 
           शिव और ब्रह्मा जी भी 
           अयोध्या में खुश हो के पधारे 
            नारदादि ऋषियों समेत घूमे 
             डगर - डगर द्वारे -द्वारे
बोले मिथ्या जगत है सारा 
किन्तु सत्य हैं आप ही 
पूरी सृष्टि प्रकाशित आपसे 
सूर्य - चन्द्र भी आप ही 
               आपका दामन जो पकड़े वह 
               कभी भी नहीं जीवन में हारे 
होता पुण्य उसी का उदित 
सारे पाप होते उसी के नाश 
रत्ती भर भी जिसके मन में 
होता राम के प्रति विश्वास 
                    रमे हुए हैं राम सभी में 
                    राम हमारे राम तुम्हारे 

Hindi News Bulletin | हिंदी समाचार बुलेटिन – 28 December, 2019 (9 am)