सुखमंगल गान
एक दिन आप
इतने बड़े कवि बन जायेंगे
कि लोग - बाग़ आपको
छू भी नहीं पायेंगे
आपके सभी आलोचक
हवा हो जायेंगे
सुखमंगल गान मिलकर सब गायेंगे
वे दिन जल्दी आयेंगे |
हस्ताक्षर-चपाचाप बनारसी
१२/११/२०१७
दिन १ बजकर ६ मिनट
(अजीत श्रीवास्तव )
काली महल वाराणसी ,उत्तर प्रदेश ,भारत |
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