मंगलवार, 14 नवंबर 2017

सुखमंगल गान

सुखमंगल गान 

एक दिन आप 
इतने बड़े कवि बन जायेंगे 
कि लोग - बाग़ आपको 
छू भी नहीं पायेंगे 
आपके सभी आलोचक 
हवा हो जायेंगे 
सुखमंगल गान मिलकर सब गायेंगे 
वे दिन जल्दी आयेंगे |
           हस्ताक्षर-चपाचाप बनारसी 
                  १२/११/२०१७ 
        दिन १ बजकर ६ मिनट 
         (अजीत श्रीवास्तव )
काली महल वाराणसी ,उत्तर प्रदेश ,भारत |

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें