शनिवार, 18 जून 2016

"हिन्दी काव्य संकलन": मीना कुमारी


"व्यायाम "-सुखमंगल सिंह 'मंगल '
नार्वे से आया फरमान 
बचालो पंचों अपनी जान !
याद करो वह अपना धाम 
शारीरिक श्रम बनाये काम |
बचाता डिप्रेशन व्यायाम ,
शरीर क्षमता हो बलवान |
शोधकरता पहुचे मुकाम ,
मानसिक बीमारी सुरधाम !
वयस्कों पर आया अध्ययन,
डिप्रेशन से न हों अनजान |
उल्लेखनीय कमी का अनुमान ,
व्यायाम सुगम बनाया काम |
'मंगल' क कर करे प्रणाम,
दवा से मुक्ति दे व्यायाम 

16 टिप्‍पणियां:

  1. "नवजवान"
    जनता बड़ी महान ,
    संयम से लेना काम |
    भारतका होगा नाम ,
    चीन ने गाया है ||
    मेरे लड़ाकू जवान ,
    सुन्दर होगा कार्य |
    झटक उसका समान ,
    चीन ने गाया है ||
    देदो शान्ति पैगाम ,
    एकता अपना धाम |
    दिखाओ अपना काम ,
    चीन ने गाया है ||




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  2. "यही कबीर का गाँव "
    मेरा देश महान मनुमा अपने ठान देश का तू शान ,हिन्दुस्तान दोस्तों |३२+१०=४२ म
    होता गीत गान कृष्ण जहां विद्वान मानवता का मान ,है भारत महान ||हिन्दुस्तान ...

    शारीरिक शक्तिमान परिवार स्नेह ठान लाए देश जान ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
    भगत आजाद वान अपना देश महान यह अयोध्या धाम ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||

    राणा शिवा ललकार गांधीवादी विचार शान्ति तलवार ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
    वन्देमातरम दमदार राष्ट्रध्वनिधार त्याग पर अधिकार ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||

    ईशु का प्रेम विज्ञान गुरुनानक का ज्ञान खुदा का सम्मान ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
    है धर्म ही विज्ञान जहां बुद्ध का मान जी सीता सम्मान ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||

    वसते वहा भगवान श्रद्धा ही दान - सुनाते वेद पुराण ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
    पड़े मान्धाता पाँव नारद मुनि क ठाँव यही कबीर गाँव ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||हिन्दुस्त

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  3. "पानी को तरसोगे "
    नापाक इरादा बंद करो वरना पानी को तरसोगे |
    मेरे बलपर पलकर तुम हिजबुल जैसा कहते हो ||
    तेरी करतूतों पर सारी दुनिया थू -थू करती है |
    गतिविधियों पर तेरे भारत पैनी नजर रखता है ||

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  4. "रामकथा कलिकाल कुठारी""
    सुन्दर नगर सबहि नर नारी "
    उमा -प्रश्न उत्तर त्रिपुरारी ,
    गंगा धीर सुनहु महतारी |
    सुन्दर नगर सबहि नर नारी,
    शोभा बरनि न जाय पुरारी |
    विश्व मोहनी नारी हितकारी ,
    सुता जनकहि वाला दुलारी |
    राम कथा सुन्दर हितकारी,
    मंगल भवन अमंगल हारी |
    नाम अनंत कुशल त्रिपुरारी,
    रामकथा कलिकाल कुठारी|
    दिखि रघुवीर गिरिराजकुमारी,
    पूछत कुशल शंभू त्रिपुरारी|
    दसरथ सुत मिलिकरत विचारी,
    मंगल भवन अमंगल हारी||

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  5. "साथी "
    सबको आना -जाना ,
    साथी साथ निभाना |
    'मंगल 'समीर ठिकाना ,
    दुनिया भल अनजाना |
    वसंत -पतझड़s आना,
    नवेलि बेलि मुस्काना |
    फिर भी साथ निभाना ,
    लाग्यो s आना -जाना ||
    उमहि उमहि घन घेरे ,
    आनंद मिलन सुहाना |
    मस्त मयूरिन विनोद ,
    पपीहा गाये गाना |
    मिलन - बिछुरन मोह
    वृन्दावन कृपा निधाना |
    साथी साथ निभाना ,
    दुनिया आना -जाना ||

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  6. "सखा आने वाले "
    बंसुरिया प्रेम की बजती ,सखा घर आने वाले जी |
    सांवरिया मनमोहक मेरे ,सखा दुःख मिटाने वाले हैं ||
    पुजरिया प्रेम में बजती ,सखा प्रीती लगाने वाले हैं |
    नगरिया धर्म की होती ,सखा घर आने वाले हैं ||
    बजरिया दृष्टि में रमती ,सखा सुख लाने वाले हैं |
    डगरिया मस्ती में बितती,सखा डग दिखाने वाले हैं ||
    बीमरिया पास नहीं फटकती,सखा दुःख सहते हैं |
    गठरिया ज्ञान की खुलती ,सखा धनधान्य वाले हैं ||
    गगरिया दान से भरती ,सखा धन वर्षाने वाले हैं |
    मुरलिया दुर्लभ दर्शन की ,सखा ! बजाने वाले हैं ||

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  7. "पिता "
    पितु सत्ता प्रेरक बनकर ,जीवन में अमृत भर देती |
    संकल्प भागीरथ की देती, उच्च हिमालय - बल देती ||
    धर्म का उद्घोष कराती ,विश्व शान्ति उद्देश्य बताती |
    फैला देती उजियारा ,आत्म दीप बन हमें सिखाती ||
    दिव्य ज्योति के संवाहक होकर ,लक्ष्य मार्ग दिखाती |
    सूर्योदय का देश हमारा ,सद्भाव -प्रेम का दीप जलाती ||

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  8. "मिट्टी का वर्तन"
    जब हम रहे बारकुवार,
    तब हम सहनी मार तुहार|
    तुहराके समझब हम जब,
    जब ब्याह के मारा तब ||

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  9. "हलाला देती बरबादी ?"
    मुद्दा तलाक का तीन तलाक लाना |
    बिना विचार किये महिला को हटाना ||
    हजरत उमर का था वह रहा ज़माना |
    तीन तलाक पर चालीस कोड़ा लगाना ||
    किस्सा था पुराना जब दुल्हन का लाना |
    खोलकर नकाब उसका घर उसे लौटाना ||
    मजहवी बहाना करता रहा है मनमाना |
    महिला को अधिकार जनता को दिलाना ||
    उपयोग की वस्तु नही! बदला नव ज़माना |
    तरक्की पसंद जहां है कुछ करके दिखाना ||
    आओ मिल बैठकर परिवार को है बचाना |
    परसनलला पुराना . तरक्कीनुमा खजाना ||
    साहस से राहत मिले महिला हक़ है लाना |
    हिम्मत ले आगे आ खड़ा है अपना ज़माना ||
    तलाक की दंश झेलती अगले निकाह की तैयारी |
    साहस में राहत मिलती हलाला देती है बर्बादी ||
    हलाला - मित्र मुस्लिम भाइयों ने हलाला को नकारते हुए बताया तीन तलाक के बाद
    यदि वह पति-पत्नी पुन :शादी करना चाहते हैं तो हलाला से गुजरना होता है अर्थात दुसरे-
    से निकाह्कर तीन माह बिताना होता है फिर तलाक के बाद ही वह शादी कर सकते हैं |

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  10. "प्रदुषण सियासत में ?"
    गर सियासत में प्रदुषण आ गया ,
    धरा समझ लो जहर छा गया |
    जो मछलियाँ समुद्र में तैरती रहीं ,
    किनारे सांस लेने आ गयीं |
    धरती की रानी कहलाने आ गयीं ,
    दीपक सूरज s दिखाने आ गयी |
    घडियाली आंसू बहाने आ गये,
    खेल तकदीर का दिखाने आ गये|
    सूरत से सीरत s अंदाज जनाने आगये,
    ढाई चावल की खिचडी पकाने आ गये|
    बात का बतंगड़ बनाने आ गये,
    बिल्ली के सिरहाने दूध जमाने आ गये ||

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  11. "चिड़िया"
    चीं चीं करती चिड़िया आती
    अम्बर ऊपर घोसला बनातीं |
    पानी जहां पर वहाँ मडरातीं
    औ जमी से उड़ -उड़ जाती |

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  12. "कमल खिलने का समय "
    कमल खिलने का सुन्दर यह समय आ गया ,
    त्याग माया देश को बढ़ने का समय आ गया |
    मुलायम पंजे में ले चलने का समय आ गया ,
    बदलें मनबढ विकास करने का समय आ गया |
    बेतुकी बातें छोडिये बदलने का समय आ गया |
    देश प्रेम -राष्ट्रीयता का सुनहरा समय आ गया |
    काम के बदले पूरे दाम मिलने का समय आ गया |
    रोड डिजाइन सुधारने -संवारने का समय आ गया |
    नव ! ह्वाईट हाउस से भी नोटों का बड़ा बंडल आ गया ,
    अँधेरे से निकल उजाले में रहने का समय आ गया ||

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  13. "कमल खिलने का समय "
    कमल खिलने का सुन्दर यह समय आ गया ,
    त्याग माया देश को बढ़ने का समय आ गया |
    मुलायम पंजे में ले चलने का समय आ गया ,
    बदलें मनबढ विकास करने का समय आ गया |
    बेतुकी बातें छोडिये बदलने का समय आ गया |
    देश प्रेम -राष्ट्रीयता का सुनहरा समय आ गया |
    काम के बदले पूरे दाम मिलने का समय आ गया |
    रोड डिजाइन सुधारने -संवारने का समय आ गया |
    नव ! ह्वाईट हाउस से भी नोटों का बड़ा बंडल आ गया ,
    अँधेरे से निकल उजाले में रहने का समय आ गया ||

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  14. पढो-लिखो बनो महान
    नीति-रीति का सम्मान
    'मंगल' मंगल धर्म हमारा
    जहां यहाँ फैले उजियारा |

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  15. "हरि याद आते हैं?"
    मानव को दुःख देकर जो ,
    ज्यादा धन कमाते हैं | मानव को ...
    मरने के ऊपर क्या वह ,
    लढया भर ले जाते हैं | मानव को ...
    ग़रीबों की आह उन्हें,
    दर-दर ही भटकाते हैं |मानव को ...
    जन्म -मरण के बंधन से ,
    वे छूट नहीं पाते हैं | मानव को ...
    विविध योनियों पाकर ,
    त्याग पुन : दिखलाते हैं | मानव को ...
    सर्दी -गरमी वर्षात में,,
    छप्पर कहीं नहि पाते हैं| मानव को ...
    प्रभु दफ्तर के चक्कर में ,
    जब सुधि -बुधि भूल जाते हैं | मानव को ...
    मानव को दुःख देने वाले ,
    हरि फिर याद आते हैं ||मानव को ...

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  16. "राष्ट्र धर्म "
    धर्म रक्षा करना मानव काम है |
    धर्म सुरक्षा से होता जन का मान है ||
    धर्म विहीन मनुष्य पशु सामान है|
    जीवित रहकर भी वह वस्तु सामान है ||
    राष्ट्र की रक्षा जीवन क शान है |
    नहीं करे जो राष्ट्र रक्षा प्रतिमान है ||
    गलत क करे विरोध धैर्यवान है|
    गलती का करे समर्थन स्वार्थवान है ||
    राष्ट्र- विरोधक निलज्जवान हैं |
    जो करते राष्ट्र सेवा कीर्तिवान हैं||
    देश में घृणा फैलाए स्वान है |
    विरोधी बात मन में लाए हैवान है ||
    राष्ट्र मर्यादा रखे धैर्यवान है |
    सुदेश के खातिर मर मिटता महान है ||

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