"व्यायाम "-सुखमंगल सिंह 'मंगल '
नार्वे से आया फरमान
बचालो पंचों अपनी जान !
याद करो वह अपना धाम
शारीरिक श्रम बनाये काम |
बचाता डिप्रेशन व्यायाम ,
शरीर क्षमता हो बलवान |
शोधकरता पहुचे मुकाम ,
मानसिक बीमारी सुरधाम !
वयस्कों पर आया अध्ययन,
डिप्रेशन से न हों अनजान |
उल्लेखनीय कमी का अनुमान ,
व्यायाम सुगम बनाया काम |
'मंगल' क कर करे प्रणाम,
दवा से मुक्ति दे व्यायाम
"नवजवान"
जवाब देंहटाएंजनता बड़ी महान ,
संयम से लेना काम |
भारतका होगा नाम ,
चीन ने गाया है ||
मेरे लड़ाकू जवान ,
सुन्दर होगा कार्य |
झटक उसका समान ,
चीन ने गाया है ||
देदो शान्ति पैगाम ,
एकता अपना धाम |
दिखाओ अपना काम ,
चीन ने गाया है ||
"यही कबीर का गाँव "
मेरा देश महान मनुमा अपने ठान देश का तू शान ,हिन्दुस्तान दोस्तों |३२+१०=४२ म
होता गीत गान कृष्ण जहां विद्वान मानवता का मान ,है भारत महान ||हिन्दुस्तान ...
शारीरिक शक्तिमान परिवार स्नेह ठान लाए देश जान ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
भगत आजाद वान अपना देश महान यह अयोध्या धाम ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||
राणा शिवा ललकार गांधीवादी विचार शान्ति तलवार ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
वन्देमातरम दमदार राष्ट्रध्वनिधार त्याग पर अधिकार ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||
ईशु का प्रेम विज्ञान गुरुनानक का ज्ञान खुदा का सम्मान ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
है धर्म ही विज्ञान जहां बुद्ध का मान जी सीता सम्मान ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||
वसते वहा भगवान श्रद्धा ही दान - सुनाते वेद पुराण ,हिन्दुस्तान दोस्तों |
पड़े मान्धाता पाँव नारद मुनि क ठाँव यही कबीर गाँव ,हिन्दुस्तान दोस्तों ||हिन्दुस्त
"पानी को तरसोगे "
जवाब देंहटाएंनापाक इरादा बंद करो वरना पानी को तरसोगे |
मेरे बलपर पलकर तुम हिजबुल जैसा कहते हो ||
तेरी करतूतों पर सारी दुनिया थू -थू करती है |
गतिविधियों पर तेरे भारत पैनी नजर रखता है ||
"रामकथा कलिकाल कुठारी""
जवाब देंहटाएंसुन्दर नगर सबहि नर नारी "
उमा -प्रश्न उत्तर त्रिपुरारी ,
गंगा धीर सुनहु महतारी |
सुन्दर नगर सबहि नर नारी,
शोभा बरनि न जाय पुरारी |
विश्व मोहनी नारी हितकारी ,
सुता जनकहि वाला दुलारी |
राम कथा सुन्दर हितकारी,
मंगल भवन अमंगल हारी |
नाम अनंत कुशल त्रिपुरारी,
रामकथा कलिकाल कुठारी|
दिखि रघुवीर गिरिराजकुमारी,
पूछत कुशल शंभू त्रिपुरारी|
दसरथ सुत मिलिकरत विचारी,
मंगल भवन अमंगल हारी||
"साथी "
जवाब देंहटाएंसबको आना -जाना ,
साथी साथ निभाना |
'मंगल 'समीर ठिकाना ,
दुनिया भल अनजाना |
वसंत -पतझड़s आना,
नवेलि बेलि मुस्काना |
फिर भी साथ निभाना ,
लाग्यो s आना -जाना ||
उमहि उमहि घन घेरे ,
आनंद मिलन सुहाना |
मस्त मयूरिन विनोद ,
पपीहा गाये गाना |
मिलन - बिछुरन मोह
वृन्दावन कृपा निधाना |
साथी साथ निभाना ,
दुनिया आना -जाना ||
"सखा आने वाले "
जवाब देंहटाएंबंसुरिया प्रेम की बजती ,सखा घर आने वाले जी |
सांवरिया मनमोहक मेरे ,सखा दुःख मिटाने वाले हैं ||
पुजरिया प्रेम में बजती ,सखा प्रीती लगाने वाले हैं |
नगरिया धर्म की होती ,सखा घर आने वाले हैं ||
बजरिया दृष्टि में रमती ,सखा सुख लाने वाले हैं |
डगरिया मस्ती में बितती,सखा डग दिखाने वाले हैं ||
बीमरिया पास नहीं फटकती,सखा दुःख सहते हैं |
गठरिया ज्ञान की खुलती ,सखा धनधान्य वाले हैं ||
गगरिया दान से भरती ,सखा धन वर्षाने वाले हैं |
मुरलिया दुर्लभ दर्शन की ,सखा ! बजाने वाले हैं ||
"पिता "
जवाब देंहटाएंपितु सत्ता प्रेरक बनकर ,जीवन में अमृत भर देती |
संकल्प भागीरथ की देती, उच्च हिमालय - बल देती ||
धर्म का उद्घोष कराती ,विश्व शान्ति उद्देश्य बताती |
फैला देती उजियारा ,आत्म दीप बन हमें सिखाती ||
दिव्य ज्योति के संवाहक होकर ,लक्ष्य मार्ग दिखाती |
सूर्योदय का देश हमारा ,सद्भाव -प्रेम का दीप जलाती ||
"मिट्टी का वर्तन"
जवाब देंहटाएंजब हम रहे बारकुवार,
तब हम सहनी मार तुहार|
तुहराके समझब हम जब,
जब ब्याह के मारा तब ||
"हलाला देती बरबादी ?"
जवाब देंहटाएंमुद्दा तलाक का तीन तलाक लाना |
बिना विचार किये महिला को हटाना ||
हजरत उमर का था वह रहा ज़माना |
तीन तलाक पर चालीस कोड़ा लगाना ||
किस्सा था पुराना जब दुल्हन का लाना |
खोलकर नकाब उसका घर उसे लौटाना ||
मजहवी बहाना करता रहा है मनमाना |
महिला को अधिकार जनता को दिलाना ||
उपयोग की वस्तु नही! बदला नव ज़माना |
तरक्की पसंद जहां है कुछ करके दिखाना ||
आओ मिल बैठकर परिवार को है बचाना |
परसनलला पुराना . तरक्कीनुमा खजाना ||
साहस से राहत मिले महिला हक़ है लाना |
हिम्मत ले आगे आ खड़ा है अपना ज़माना ||
तलाक की दंश झेलती अगले निकाह की तैयारी |
साहस में राहत मिलती हलाला देती है बर्बादी ||
हलाला - मित्र मुस्लिम भाइयों ने हलाला को नकारते हुए बताया तीन तलाक के बाद
यदि वह पति-पत्नी पुन :शादी करना चाहते हैं तो हलाला से गुजरना होता है अर्थात दुसरे-
से निकाह्कर तीन माह बिताना होता है फिर तलाक के बाद ही वह शादी कर सकते हैं |
"प्रदुषण सियासत में ?"
जवाब देंहटाएंगर सियासत में प्रदुषण आ गया ,
धरा समझ लो जहर छा गया |
जो मछलियाँ समुद्र में तैरती रहीं ,
किनारे सांस लेने आ गयीं |
धरती की रानी कहलाने आ गयीं ,
दीपक सूरज s दिखाने आ गयी |
घडियाली आंसू बहाने आ गये,
खेल तकदीर का दिखाने आ गये|
सूरत से सीरत s अंदाज जनाने आगये,
ढाई चावल की खिचडी पकाने आ गये|
बात का बतंगड़ बनाने आ गये,
बिल्ली के सिरहाने दूध जमाने आ गये ||
"चिड़िया"
जवाब देंहटाएंचीं चीं करती चिड़िया आती
अम्बर ऊपर घोसला बनातीं |
पानी जहां पर वहाँ मडरातीं
औ जमी से उड़ -उड़ जाती |
"कमल खिलने का समय "
कमल खिलने का सुन्दर यह समय आ गया ,
त्याग माया देश को बढ़ने का समय आ गया |
मुलायम पंजे में ले चलने का समय आ गया ,
बदलें मनबढ विकास करने का समय आ गया |
बेतुकी बातें छोडिये बदलने का समय आ गया |
देश प्रेम -राष्ट्रीयता का सुनहरा समय आ गया |
काम के बदले पूरे दाम मिलने का समय आ गया |
रोड डिजाइन सुधारने -संवारने का समय आ गया |
नव ! ह्वाईट हाउस से भी नोटों का बड़ा बंडल आ गया ,
अँधेरे से निकल उजाले में रहने का समय आ गया ||
"कमल खिलने का समय "
कमल खिलने का सुन्दर यह समय आ गया ,
त्याग माया देश को बढ़ने का समय आ गया |
मुलायम पंजे में ले चलने का समय आ गया ,
बदलें मनबढ विकास करने का समय आ गया |
बेतुकी बातें छोडिये बदलने का समय आ गया |
देश प्रेम -राष्ट्रीयता का सुनहरा समय आ गया |
काम के बदले पूरे दाम मिलने का समय आ गया |
रोड डिजाइन सुधारने -संवारने का समय आ गया |
नव ! ह्वाईट हाउस से भी नोटों का बड़ा बंडल आ गया ,
अँधेरे से निकल उजाले में रहने का समय आ गया ||
पढो-लिखो बनो महान
जवाब देंहटाएंनीति-रीति का सम्मान
'मंगल' मंगल धर्म हमारा
जहां यहाँ फैले उजियारा |
"हरि याद आते हैं?"
जवाब देंहटाएंमानव को दुःख देकर जो ,
ज्यादा धन कमाते हैं | मानव को ...
मरने के ऊपर क्या वह ,
लढया भर ले जाते हैं | मानव को ...
ग़रीबों की आह उन्हें,
दर-दर ही भटकाते हैं |मानव को ...
जन्म -मरण के बंधन से ,
वे छूट नहीं पाते हैं | मानव को ...
विविध योनियों पाकर ,
त्याग पुन : दिखलाते हैं | मानव को ...
सर्दी -गरमी वर्षात में,,
छप्पर कहीं नहि पाते हैं| मानव को ...
प्रभु दफ्तर के चक्कर में ,
जब सुधि -बुधि भूल जाते हैं | मानव को ...
मानव को दुःख देने वाले ,
हरि फिर याद आते हैं ||मानव को ...
"राष्ट्र धर्म "
जवाब देंहटाएंधर्म रक्षा करना मानव काम है |
धर्म सुरक्षा से होता जन का मान है ||
धर्म विहीन मनुष्य पशु सामान है|
जीवित रहकर भी वह वस्तु सामान है ||
राष्ट्र की रक्षा जीवन क शान है |
नहीं करे जो राष्ट्र रक्षा प्रतिमान है ||
गलत क करे विरोध धैर्यवान है|
गलती का करे समर्थन स्वार्थवान है ||
राष्ट्र- विरोधक निलज्जवान हैं |
जो करते राष्ट्र सेवा कीर्तिवान हैं||
देश में घृणा फैलाए स्वान है |
विरोधी बात मन में लाए हैवान है ||
राष्ट्र मर्यादा रखे धैर्यवान है |
सुदेश के खातिर मर मिटता महान है ||