कर्म करते चलो /धर्म पर चलो |
जिन्दगी लम्बी /सत्कर्म को चलो ||
(२)
"गाड़ी चली सडक "
चलती कभी ठेला गाड़ी,
रही बैल -भैसे की सवारी |
इक्का तांगा रिक्सा रिवाजी ,
सड़क न थी भारी लाचारी |
जिन्दगी लम्बी /सत्कर्म को चलो ||
(२)
"गाड़ी चली सडक "
चलती कभी ठेला गाड़ी,
रही बैल -भैसे की सवारी |
इक्का तांगा रिक्सा रिवाजी ,
सड़क न थी भारी लाचारी |
सच को अब सच कहना होगा, जोर लगाकर चलना होगा /
जवाब देंहटाएंदुर्गम भले रास्ते हो सफर के, कदम मिलाकर चलनाहोगा |
हिन्द जागेगा जब भी ,सभ्यता लिए |
जवाब देंहटाएंमंगल मान तब भी ,संस्कृति दिए ||
अधिकार अपना मान ,देश महान |
इ स्वच्छता कर्तव्य ,देश किसान ||
परिवर्तन की बयार ,हिन्द सुमार |
भागवत का गुणगान ,राज महान ||
सेवा निर्धन लौकिक ,करम विधान |
टहल सुश्रूषा करना ,ईश कल्याण ||
ऐसा होना कार्य , जहां सोचे|
जिससे समाज उत्त्थान होगा नाम ||१२-७ मात्राएँ ||
"चली गाड़ी"
जवाब देंहटाएंचलती कभी ठेला गाड़ी |
थी भैसा -बैल की सवारी ||
इक्का -तांगा रिक्सा रिवाजी |
सड़कों क थी भारी लाचारी ||
साइकिल औ वाईक आया |
जीप- मोटर धूम मचाया ||
पूछा मत मंगल बन अनाडी |
आज हजारो मोटर गाड़ी ||
"पालीथिन "
जवाब देंहटाएंड्रैगन ! पालीथिन प्रदत्त ,सामान सजोकर भेजता |
कचरे से नदियाँ भरतीं , धरा विषैली है होती||
पौधा उगने बढ़ने का, चिंतन तनिक ना करते |
गिलास कप और पत्तल को, शुभ अवसर पे ले आते||
भोजन करके फ़ेंक देते ,कूड़ा क्षण में बन जाता |
कामगारों का काम छिनता,मूछें एठते हुए आता ||
'मंगल' मन से विचारते ,हजारों रोजगारी होते |
ड्रैगन पालीथिन लाता,नदियो में कचरा फैलाता ||
"पानी "
जवाब देंहटाएंपानी कितना अवनी ताल में
जीवन साथी सभी का जल है |
वर्षों तो से हम सब प्यासे
सीमा पर सैनिक प्यासा है ||
विधवा सा ड्रैगन लह्कारे
सैनिक प्यासे उन्हें पुकारे |
भारत वासी उन्हें निहारे
व्यर्थ न बहाओ पानी है |
दुनिया दिख मनमानी यदि
भारत में लबालब पानी है ||