सोमवार, 30 मई 2016

कर्म करते चल

कर्म  करते  चलो /धर्म  पर  चलो |
जिन्दगी लम्बी /सत्कर्म को चलो || 
                (२)
"गाड़ी चली सडक "
चलती कभी ठेला गाड़ी,
रही बैल -भैसे की सवारी |
इक्का तांगा रिक्सा रिवाजी ,
सड़क न थी भारी लाचारी |

5 टिप्‍पणियां:

  1. सच को अब सच कहना होगा, जोर लगाकर चलना होगा /
    दुर्गम भले रास्ते हो सफर के, कदम मिलाकर चलनाहोगा |

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  2. हिन्द जागेगा जब भी ,सभ्यता लिए |
    मंगल मान तब भी ,संस्कृति दिए ||
    अधिकार अपना मान ,देश महान |
    इ स्वच्छता कर्तव्य ,देश किसान ||
    परिवर्तन की बयार ,हिन्द सुमार |
    भागवत का गुणगान ,राज महान ||
    सेवा निर्धन लौकिक ,करम विधान |
    टहल सुश्रूषा करना ,ईश कल्याण ||
    ऐसा होना कार्य , जहां सोचे|
    जिससे समाज उत्त्थान होगा नाम ||१२-७ मात्राएँ ||

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  3. "चली गाड़ी"
    चलती कभी ठेला गाड़ी |
    थी भैसा -बैल की सवारी ||
    इक्का -तांगा रिक्सा रिवाजी |
    सड़कों क थी भारी लाचारी ||
    साइकिल औ वाईक आया |
    जीप- मोटर धूम मचाया ||
    पूछा मत मंगल बन अनाडी |
    आज हजारो मोटर गाड़ी ||

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  4. "पालीथिन "
    ड्रैगन ! पालीथिन प्रदत्त ,सामान सजोकर भेजता |
    कचरे से नदियाँ भरतीं , धरा विषैली है होती||
    पौधा उगने बढ़ने का, चिंतन तनिक ना करते |
    गिलास कप और पत्तल को, शुभ अवसर पे ले आते||
    भोजन करके फ़ेंक देते ,कूड़ा क्षण में बन जाता |
    कामगारों का काम छिनता,मूछें एठते हुए आता ||
    'मंगल' मन से विचारते ,हजारों रोजगारी होते |
    ड्रैगन पालीथिन लाता,नदियो में कचरा फैलाता ||

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  5. "पानी "
    पानी कितना अवनी ताल में
    जीवन साथी सभी का जल है |
    वर्षों तो से हम सब प्यासे
    सीमा पर सैनिक प्यासा है ||
    विधवा सा ड्रैगन लह्कारे
    सैनिक प्यासे उन्हें पुकारे |
    भारत वासी उन्हें निहारे
    व्यर्थ न बहाओ पानी है |
    दुनिया दिख मनमानी यदि
    भारत में लबालब पानी है ||

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